- हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए दूरियों की ना परवाह कीजिये, दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये, कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे, बस अपनी पलकों को आँखों से मिला लीजिये। ये ख्वाब हैं तुम्हारे या ख्वाबों में तुम https://henrym260hra5.gynoblog.com/profile