जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई । नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥ ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय राम काज करिबे को आतुर ॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । You will be the repository of Discovering, virtuous and fully achieved, generally https://coolbizdirectory.com/listings13212962/a-simple-key-for-hanuman-mantra-unveiled